Difference between Knowledge and Rattafication - Motivational Hindi short story

Difference between Knowledge and Rattafication - Motivational short story

"शिकारी आएगा ,जाल बिछाएगा ,दाना डालेगा पर फसना मत "


difference between knowledge and rattafication- motivational story hindi

Difference between Knowledge and Rattafication 




बहुत समय पहले की बात है ,किसी राजा का एक आलीशान और बहुत सुन्दर बगीचा था और उस बगीचे में दूर-दूर से तोतों का आना जाना था ।  तोते बगीचे की खूबसूरती पर मोहित हो, बगीचे में आते थे, उन तोतों का दूर दूर से आना जाना इतना ज़्यादा हो गया कि राजा को भी तकलीफ होने लगी । अब यही तोते उसे मुसीबत लगने लगे थे ,क्योंकि बात कुछ तोतों की नहीं थी ,झुंड भर तोतों की थी जो बगीचे की खूबसूरती ख़राब कर रहे थे । राजा ने अपने मंत्रियों से सलाह मशवरा कर निर्णेय लिया कि अब किसी शिकारी को बुलाया जाये ,जो इन से निजात दिलाये ।


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शिकारी अपने काम में मझा हुआ था ,आते ही उसने जाल फैलाया और दाना डाला ,फिर क्या था सारे तोते जाल में ।रोज़ ही शिकारी जाल बिछा देता दाना डालता और तोते फसने लगे।इस तरह रोज़ तोतों की गिनती कम होने लगी । धीरे धीरे झुंड घटने लगे ।एक दिन तोतों के सरदार ने सभी तोतों को बुलाया और इस बारे में गुफ्तगूं कर अपनी प्रजाति के लुप्त हो जाने का भय ,सभी तोतों को बताया । तोते बोले ,"सरदार, अब आप ही कुछ कीजिये नहीं, तो कल को कोई भी नहीं बचेगा" । सरदार ने देखा कि पास ही एक फ़कीर, एक वृक्ष के नीचे बैठा था ।उसके चेहरे पर अजब सा नूर था मानो वे उनके दुःख के निवारण के लिए ही बैठा हो ।तोतों का सरदार उस फ़कीर के पास गया और अपनी व्यथा सुनाई ।फ़कीर ने भी उसे ध्यानपूर्वक सुना और कहा जब भी शिकारी आये तो बस यही बात बोलना ,"शिकारी आएगा ,जाल बिछाएगा ,दाना डालेगा, पर फसना मत "


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तोतों के सरदार ने वैसा ही किया ।उसने सभी तोतों को बुला फ़कीर का मंत्र दोहराया और उन्हें रटने को कहा सभी तोते उसे रटने लगे और इस तरह से इकट्ठे सभी मंत्र रटते ।अगले दिन जब शिकारी आया तो सभी तोते वही मंत्र रटने लगे ,वो भी हज़ारों की तादाद में ।यह देख शिकारी डर गया ये तो जानते है मेरे पकड़ने का तरीका ,अब ये नहीं फसेंगे कल को आके  दोबारा कोशिश करूँगा । तोते शिकारी को जाते देख खुश हो गए के फ़कीर का मंत्र काम कर गया ।इसी तरह रोज़ शिकारी आता और निराश हो चला जाता क्योंकि तोते रोज़ शिकारी को देख मंत्र बोलने लग जाते थे ।कई दिनों तक यह क्रम चलता रहा । अब शिकारी परेशान कि  काम नहीं किया तो ,राजा से सजा मिलेगी और रोजगार के बिना वो क्या खायेगा । यही सोच एकाएक उसका ध्यान भी फ़कीर की तरफ गया वो फ़कीर के पास जा बेनती करने लगा ,"अब आप ही बताये क्या करू, मेरी तो हालत आगे" कुआ "और "पीछे खायी "जैसी हो गयी है । फ़कीर बोला ,"वो तो सिर्फ पक्षी है, वो अपना काम कर रहे हो तुम अपना करो हिम्मत न हारो"।

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अगले दिन शिकारी फिर बाग़ में जाल बिछाने चल पड़ा और वैसे ही किया जैसे रोज़ करता था सभी तोते वही मंत्र रटे जा रहे थे," शिकारी आएगा. जाल बिछाएगा .दाना डालेगा .पर फसना मत",  पर ये क्या आज सभी तोते दाना देख जाल की तरफ अपने आप आ गए और  उस में फस गए । शिकारी हैरान ये क्या चमत्कार है! रोज जाल बिछाता हूँ .पर ये नहीं फसते कल फ़कीर ने कहा .आज सभी फस गए ।शिकारी को जाने की उत्सुकता हुई और वे फ़कीर के पास गया और पूछा ,गुरुदेव ! ये क्या चमत्कार है मैं समझ नहीं पा रहा हूँ ,आप ही समझाए । फ़कीर हस पड़ा बोला बात तो उनको भी समझायी थी कि ,"शिकारी आएगा ,जाल बिछाएगा, दाना डालेगा ,पर फसना मत ",वो इसका अर्थ नहीं समझ पाए ,पर उन्होंने सिर्फ इसे रटने में समझदारी दिखाई ,पक्षी जो थे,  वो कोई मंत्र नहीं था एक उपाय था कि कैसे बचा जा सकता है ,पर तोतों ने उसे रटने में ही अपनी सुरक्षा का अनुभव किया और वही गलती वे दोहराते  रहे पर समझे नहीं इसी कारणवश वो आज तुम्हारी कैद में है ,तुम मनुष्य हो ,समझ गए और वही किया जो तुम्हारा काम था, तुमने वैसा ही किया जो तुम रोज़ करते हो क्योंकि तुम जानते हो शिकार कैसे करना है और महज उनके रटने कि वावजूद तुमने शिकार करना नहीं छोड़ा और न ही अपने कर्म करने भूले हो ।कर्म करना ही आपकी प्रवृति है ,महज एक मंत्र उच्चारण आपको कर्मों से नहीं बचा सकता, ज़िन्दगी से लड़ने का प्रयत्न खुद ही करना पड़ता है । तुमने किया और तुम जीत गए, तोतों ने मन्त्रों पर छोड़ दिया वे पकड़े गए ।

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तो देखा आपने,"शिक्षा" का सही उपयोग ,समझने से ही होता है न कि किसी चीज़ को रटने से ,यही हालत हम सबकी है ,रोज़ ज़िन्दगी कुछ  न कुछ सिखाती है,हम ठोकर खा, भूल जाते हैऔर गलतियों से सीखते नहीं।

ज्ञान एक ऐसी धरोहर है जो कोई भी छीन नहीं सकता ,पर इसका उपयोग कैसे करना है ये तो आपके ही ऊपर है, न कि औरों कि ऊपर । नहीं तो फिर यही हाल होगा," शिकारी आएगा ,जाल बिछाएगा ,दाना डालेगा पर फसना मत "। सो समझिये और अमल में ज़रूर लाये ,उम्मीद है आपको समझ भी आया होगा और आप इसे महज एक कहानी नहीं बल्कि एक सीख समझ जीवन में अपनाएगें  ।

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