How to achieve your goals and dreams - Trust -The process
विश्वास और ज़िद - एक गठजोड़
How to achieve your goals and dreams - Trust -The process |
बहुत समय पहले की बात है ,राजस्थान में एक गांव था ।वहां के लोग खेतीबाड़ी कर ,अपने परिवार का गुजारा करते थे । उसी गांव के समीप एक संत भी अपनी कुटिया में रहते थे ।गांव के लोग संत का बड़ा सम्मान करते थे । संत सारा दिन अपनी कुटिया में वीणा बजाने में मगन रहते थे क्योंकि, वह संगीत प्रेमी थे । उन्हें इसमें परम आनंद मिलता था। गांव के लोग भी उनका संगीत सुन ,अपने काम में मगन हो जाते बस ऐसे ही समय बीता जा रहा था ।
एक बार गांव में बारिश नहीं हुई तो सभी को अपनी फसलों की चिंता सताने लगी । मेहनत से सभी किसान अपने घर का गुजारा तो कर ही रहे थे ,पर अगर बारिश ना हुई तो उनकी फसल ख़राब हो जाएगी,यही सोच वो सब संत के पास गए । संत ने बड़े प्यार से उनकी व्यथा सुनी ,और फिर संगीत में मगन हो गए ,देखते ही देखते बारिश होने लगी । सब संत के गुण गाने लगे कि उनके संगीत कि कारन गांव में बारिश हुई । ऐसा कई बार हुआ और हर बार संगीत से ही बारिश होने लगती ।
धीरे धीरे दूर से लोग आने लगे ,अपनी फरियाद लेकर । संत का यश हर और फ़ैल गया । एक दिन राजा के पास भी यही बात पहुंच गयी ,राजा ने सोचा चलो देखा जाये क्या करामात है ,उस संत में । राजा की उत्सुकता उसे संत के पास खींच लायी । राजा संत की कुटिया में गया ,संत ने समझ लिया कि राजा उसकी परीक्षा लेने आया है ।राजा ने संत से अनुरोध किया कि हमारे राज्य में वर्षा की कमी है, " क्या, आप हमारी मदद करेंगे ,बड़ी आशा से आपके पास ए है" , संत ने कहा , " बिलकुल राजन ", यह कह वो राजा कि राज्य में चले गए ,सभी गांव वाले भी उनके पीछे पीछे चले गए । सभी उस कारनामे को देखना चाहते थे जो संत करते थे ।
देखते ही देखते आस पास के लोग भी इकट्ठे हो गए क्योंकि राजा ने जो बुलाया था सभी को राजा की योजना का अनुमान था कि वे संत की परीक्षा ले रहे थे । राजा ने सोचा लगता वीणा में जादू है जो बारिश होने लगती है , संत से पूछा ,"क्या ,सच में ये वीणा बजाने से बारिश होगी?", संत ने वीणा राजा को सौंप दी कहा ,खुद ही बजा कर देख लीजिये, ये सोच कर कि वीणा चमत्कारी है राजा ने वीणा बजानी शुरू की काफी देर प्रयत्न करने पर भी बारिश नहीं हुई फिर राजा ने संगीतकारों को बुलाया उनके बजाने पर भी बारिश नहीं हुई एक एक करके सभी ने अपना बल लगाया पर असफल रहे ।
राजा परेशान हो गया, गुरुदेव अब तो हमारे बस की बात नहीं ,आप ही कीजिये ।संत मुस्करा पड़े, बोले ,"राजन, अब आप संतुष्ट है, राजा बोला ,हाँ गुरुदेव ,अब आप ही बजाइये ,ये आपको ही शोभा दे रही है । संत ने वीणा को बजाना शुरू किया ,काफी देर बजायी फिर भी बारिश नहीं हुई सभी देख परेशान, ये क्या संत कि बजाने पर भी बारिश नहीं हुई ये क्या हो रहा है ,सभी तरफ बातें होने लगी पर संत ने वीणा बजाना जारी रखा और शाम भी हो गयी ,रात भी होने लगी थी सभी निराश हो गए थे तभी एकाएक बादल छाने लगे और ज़ोर से बारिश होने लगी ,सभी ख़ुशी से झूमने लगे । राजा ने संत से पूछा ये क्या चक्कर है, गुरुदेव जब आप बारिश ला सकते थे तो इतना इंतज़ार क्यों कराया क्या आप भी हमारी परीक्षा ले रहे थे । संत बोले ,राजन ,परीक्षा तो भगवान हम सब की ले रहे थे ।संत ने राजा को समझाया ,राजन ,बात वीणा बजाने और सिर्फ मेरे बजाने की नहीं है ये आप सभी देख चुके हो कि किसी कि वीणा बजाने से बारिश नहीं हुई और ना ही मेरे बजाने से हुई है ।
राजा को आश्चर्य हुआ बोले वो कैसे । संत बोले राजन बात विश्वास और हठ की है ।जब आप कोई भी काम बिना विश्वास और लगन से करते हो तो असफल ही होगा पर अगर यही काम आप विश्वास और हठ भाव,और लगन से करो ,तो ईश्वर भी उसे पूरा होने से नहीं रोक सकते जब ये गांव वाले मेरे पास आये थे तो विश्वास कि साथ आये थे और में भी विश्वास कि साथ वीणा में मगन था सो दोनों कि विश्वास को ईश्वर ने मान लिया तुम भी उसी विश्वास को सच समझ मेरे पास आये मेरी परीक्षा भी ली पर मेरे विश्वास ने मुझे हरने नहीं दिया ,चाहे में ये चमत्कार करने योग्य भी नहीं था पर महज विश्वास ने मुझे संत की उपाधि दे दी ।बारिश चाहे दो दिन और ना होती पर में नहीं रुकता और उसी लगन विश्वास से लगा रहता बात तो सिर्फ विश्वास और उस विश्वास को पूरा करने की ज़िद है बस कुछ और नहीं ।जब 99% लोग सुबह से रात तक सिर्फ बारिश के विश्वास में बैठे है तो ईश्वर ने भी उन सभी के विश्वास में 1% अपना जोड़ दिया और नतीजा सबके सामने है ।
राजा को अब संत की बात समझ आ गयी थी वो संत कि चरणों में पड़ रोने लगा कहा ,आप सही कहते हो विश्वास और लगन ही इंसान को महान बनाते है ।
तो देखा अपने विश्वास लगन और ज़िद जब इकट्ठे होते है तो ईश्वर भी उन्हें आगे बढ़ने से नहीं रोक सकता । ज़रुरत है विश्वास और ज़िद को पक्का करने की हम थोड़ी सी असफलता से परेशान हो अपने लक्ष्य को ही भूल जाते है , हम यह क्यों नहीं समझते कि हो सकता है ईश्वर ने कुछ इस से भी बढ़िया हमारे लिया सोचा हो पर हम अपने दायरे को छोटा कर उसकी इच्छा को समझ नहीं पाते। बिना परिश्रम और मेहनत सफलता को चखना मूर्खता के सिवाय कुछ भी नहीं ,सो अपने विश्वास को द्रिड करिये और देखिये कैसे सफलता आपके कदम चूमेगी, बस ज़िद से काम करो मन माने या ना माने ,बस करो पर सिर्फ विश्वास के साथ ।