Soya Protein Powder Benefits in Hindi |सोया प्रोटीन पाउडर खाने के फायदे और नुकसान |
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Soya Protein Powder Benefits in Hindi, सोया प्रोटीन पाउडर खाने के फायदे और नुकसान
Soya Protein Powder Benefits in Hindi |सोया प्रोटीन पाउडर खाने के फायदे और नुकसान |
सोयाबीन प्रोटीन का एक बेहतरीन स्रोत है इसमें पाया जाने वाला एमिनो एसिड हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ज़रूरी होता है। सोयाबीन से बनने वाले सभी खाद्य पदार्थों को सोया ही कहा जाता हैं। सोया उत्पादों में सेचुरेट फैट की मात्रा बहुत कम पायी जाती है जिसके कारण हृदय रोग (Heart Diseases) , स्तन कैंसर (Breast Cancer )और अन्य बिमारियों से हमारा बचाव होता रहता है। ज़्यादातर बॉडीबिल्डिंग से जुड़े युवाओं में सोया प्रोटीन पाउडर और सोया सप्लीमेंट्स का खासा क्रेज है लेकिन ज़रुरत से ज़्यादा प्रोटीन का सेवन आपके शरीर पर दुष्प्रभाव भी डाल सकता है सो आज हम आपको सोया प्रोटीन के फायदे और नुकसान दोनों से रूबरू करवा रहे है।
सोयाबीन में कोलेस्ट्रॉल और फैट की मात्रा काफी कम होती है इसलिए सोया उत्पादों के इस्तेमाल करने से हार्ट पॉब्लेम्स होने की आशंका काफी कम होती है। अपने खाने पीने के आहार में सोया का इस्तेमाल किसी न किसी रूप में ज़रूर करें इससे आप बिमारियों से बचे रहेंगे।
सोयाबीन प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी जैसे कोलोन कैंसर जो पाचन तंत्र की एक गंभीर समस्या है से आप छुटकारा पा सकते है। रिसर्च के मुताबिक सोया का इस्तेमाल कैंसर जैसे रोगों को कम करने की क्षमता रखता है।
सोया में पाया जाने वाला इसोफ्लेवेनॉन्स एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है जो प्रोस्टेट में कैंसर की कोशिकाओं को आगे बढ़ने से रोकता है। ये प्रोस्टेट की क्रिया को बढ़ाने का काम करता है इसलिए अपने आहार में सोया की मात्रा बढ़ानी चाहिए।
नियमित सोया के सेवन से हड्डियों की सभी प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती है एक अधियनन में पाया गया है कि जो लोग सोया का सेवन रेगुलर करते है उनकी हड्डियां तो मजबूत रहती है साथ ही उन्हें कभी हड्डियों से जुडी कोई समस्या नहीं देखने में आयी।
सोया खाने से इम्यून सिस्टम को मजबूती मिलती है।
सोया आंतों में से कोलेस्ट्रॉल को साफ़ कर इसे अवशोषित होने से बचाता है क्योंकि ये एक प्राकृतिक डिटर्जेंट है जिसे स्पॉनिस कहते है जो कुदरती तौर पर कोलेस्ट्रॉल को साफ़ करने की क्षमता रखता है।
किडनी रोग से जुडी सभी समस्याओं को सोया दूर करता है इसलिए किडनी के रोगियों को इसका इस्तेमाल ज़रूर करना चाहिए।
मधुमेह के रोगियों को भी सोया का इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि इसमें मिलने वाला फाइबर ब्लड ग्लूकोस को कम करने में मदद करता है।
सोया को खाने से कभी भी नुकसान नहीं होता पर इसे कब और कैसे खाना है ये भी जानना बहुत ज़रूरी है। इसमें उच्च मात्रा में प्रोटीन होते है सो इसका इस्तेमाल लगातार नहीं बल्कि समय अनुसार ही करना चाहिए। क्योंकि ज़्यादा प्रोटीन खाने से हमारे शरीर में में काफी मात्रा में एस्ट्रोजन भी आ जाते है।
सोया खाने से शरीर में स्त्रीतत्व गुण का बढ़ावा होता है। ये सेक्सुअल कंफ्यूजन और होमोसेक्सुअलिटी को बढ़ाता है। एस्ट्रोजन का अधिक इस्तेमाल नवजात में स्त्रीतत्व गुण को बढ़ाता है सो सोया को सही समय पर और बदलाव के साथ खाना ही उचित रहता है। सोया को हमेशा सीमित मात्रा में खाना चाहिए नहीं तो ये किसी जहर से कम नहीं है।
गर्भवती महिलाओं को या जो महिलाएं स्तनपान करवाती हो उन्हें सोया का इस्तेमाल बिलकुल नहीं करना चाहिए।
जो लोग पहले से हो गंभीर बिमारियों जैसे हृदय रोग ,माइग्रेन ,एलर्जी ,डिप्रेशन ,थयरॉइड से पीड़ित हो उन्हें सोया का इस्तेमाल बिलकुल नहीं करना चाहिए।
जिन लोगों को पीढ़ी दर पीढ़ी मूत्र कैंसर से जूझना पड़ रहा है उन लोगों को भी सोया का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।