Chronic Kidney Disease symptoms, effects and treatment with Ayurveda in Hindi
क्रोनिक किडनी का रोग लक्षण, कारण और उपाय आयुर्वेदा के साथ
Chronic Kidney Disease symptoms, effects and treatment with Ayurveda in Hindi |
किडनी हमारे शरीर के उन महत्वपूर्ण अंगों में से है ,जो हमारे शरीर के रक्त में मौजूद पानी और व्यर्थ पदार्थों को अलग करने का काम करती है । हमारे शरीर की लाल कोशिकाओं के निर्माण में सहायता करती है ।इसके इलावा ये रसायन पदार्थों के संतुलन को बरकरार रखने में भी सहायक होती है और हमारे शरीर के रक्तचाप को नियंत्रित करती है।ये हमारे शरीर में विटामिन डी का निर्माण कर हड्डियों को मजबूत बनाती है ।
बदलते लाइफस्टाइल के कारण हमारे खाने पीने के तरीके में काफी बदलाव आ गए है जिस कारण समय की कमी के कारण लोगों का रुझान पौष्टिक से जंक फ़ूड की तरफ हो गया है । लगातार दूषित खाने से किडनी में रोग उत्पन होने लगते है क्योंकि इन दूषित पदार्थों को किडनी शरीर से बाहर निकालने में असमर्थ हो जाती है ।
किडनी के लक्षण
- एनीमिया यानि के खून की कमी
- यूरिन में रक्त का आना
- यूरिन का कम आना
- हाथों और पैरों में सूजन का आना
- थकान
- उच्च रक्तचाप
- त्वचा में खुजली होना
- नींद का कम आना
- जी मचलाना
- वजन में बदलाव आना
- सिरदर्द का अचानक होना
किडनी के कारण
डायबिटीज होना आजकल आम बात हो गयी है पर शरीर में शुगर लेवल का बढ़ना क्रोनिक किडनी का मुख्य कारण है । डायबिटीज शरीर के फंक्शन्स को कम कर रक्त कोशिकाओं को नुक्सान पहुचाने लगती है जिस कारण किडनी के रोग उत्पन होने लगते है ।
उच्च रक्तचाप यानि बी पी का हाई होना भी किडनी डिजीज में बढ़ोतरी करता है शरीर में किडनी चाहे किसी भी कारण हुई हो पर हाई बी पी इसे और भी ख़राब कर देता है ।
कई लोगों में ये बीमारी पीढ़ी दर पीढ़ी चलती रहती है कईओं में जन्मजात ही होती है।
ज़रुरत से ज़्यादा दवाओं का सेवन अर्थात जिन लोगों की किसी कारण लम्बे समय से दवा या इलाज चल रहा है उनमें भी ये रोग पनपने के पूरे चांस होते है क्योंकि लगातार दवाओं का सेवन भी किडनी को नुक्सान पहुँचाता है ।
धूम्रपान या स्मोकिंग सिर्फ आपके फेफड़ों और दिल को नुक्सान नहीं पहुंचाती बल्कि आपकी किडनी को भी पूरी तरह से ख़राब कर देती है ।धूम्रपान से आपकी नसे सुकड़ जाती है जिस कारण रक्त धमनियाँ अपना कार्य करने में असमर्थ हो जाती है ।
लम्बे समय तक शराब पीने से किडनी के ब्लड को फ़िल्टर करने की क्षमता ख़तम होने लगती है और किडनी के आकार में भी वृद्धि होने लगती है जिस कारण किडनी क्षतिग्रस्त हो जाती है ।
मलेरिया और पीला बुखार हो तो भी किडनी होने के चांस प्रबल होते है इन्हे अनदेखा न करे।
क्रोनिक किडनी डिजीज में बचाव
उचित और पौष्टिक आहार जैसे फल ताज़ी सब्जियां ,दाल और साबुत अनाज लेने से इस बीमारी से बचाव किया जा सकता है ।
नियमित व्यायाम ,योग, जॉगिंग से शरीर तो तंदरुस्त रहता है साथ ही मधुमेह, उच्च रक्तचाप जैसी बिमारियों से भी छुटकारा मिलता है जो क्रोनिक किडनी डिजीज में इजाफा करती है ।
शराब और ड्रग्स से परहेज करे इनमें मौजूद ज़हरीले रसायन आपकी किडनी कार्य को प्रभावित करते है ।
समय समय पर खून और यूरिन की जाँच करते रहे जिस से समय रहते बीमारी से बचाव हो सके ।
एनीमिया का उपचार कराये और आयरन फ़ूड और दवाओं का इस्तेमाल डॉक्टर की देख रेख में करे ।
एलोएवेरा या गिलोय का जूस पीने से भी रक्त सम्बन्धी विकार दूर होते है और एनीमिया ठीक होने लगता है ।
वेदों में भी बताया गया है के खाने के बाद यूरिन डिस्चार्ज ज़रूरी है और लेफ्ट साइड सोने वाले लोग कभी बीमार नहीं पड़ते इसलिए उचित आहार को जीवन शैली में अपनाये योग से जुड़े और खूब पानी पीये । आपकी अच्छी आदतें ही आपकी सेहत को बनाए रखने में आपको सक्षम बनती है । ज़रा सी सावधानी किसी बड़े खतरे से बचाव कर सकती है ।सो बचाव में ही आपकी बेहतरी है ।