हेमोग्लोबिन सिक्ल रोग, जिसे आमतौर पर सिक्ल सेल रोग भी कहते हैं, एक गंभीर जन्मजात रक्त संबंधी विकार है जिसमें रक्तकोशिकाओं की समान्य गोलाकार आकृति की जगह वे हेमोग्लोबिन क्रिस्टल्स के साथ सिकल आकार में होती हैं। यह रोग मुख्य रूप से अफ्रीकी, मध्य पूर्वी, मध्य अमेरिकी और भारतीय मूल के लोगों में पाया जाता है।
हेमोग्लोबिन सिक्ल रोग एक जेनेटिक रोग है जो हेमोग्लोबिन मॉल्यूरिया के कारण होता है। इसका मुख्य कारण एक विशिष्ट प्रकार के हेमोग्लोबिन जेन के परिवर्तन में होता है, जिसके परिणामस्वरूप सिकल सेल बनती हैं। यह रोग लकड़ी की तरह कीड़े जैसी रक्तकोशिकाओं का निर्माण करता है जो सामान्य स्वस्थ गोलाकार रक्तकोशिकाओं से अलग होते हैं।
Q: हेमोग्लोबिन सिक्ल रोग किस उम्र में पहली बार प्रकट होता है?
यह रोग सामान्यतः बचपन में ही प्रकट होता है।
Q: हेमोग्लोबिन सिक्ल रोग की विशेषताएँ क्या हैं?
यह रक्तकोशिकाओं की अनियमित आकार की वजह से अच्छी तरह से पंजीकृत की जाती है, जो शारीरिक तनाव और दर्द का कारण बनती हैं।
Q: हेमोग्लोबिन सिक्ल रोग के इलाज में कौन-कौन से तकनीक हैं?
इसमें दवाओं, रक्त संचार और चिकित्सा परीक्षण जैसे उपाय शामिल हो सकते हैं।
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