Top 5 Funny Kids Stories in Hindi|मजेदार बच्चों की कहानियाँ हिंदी में
कहानी 1: नन्हे राजा की समझदारी
बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक नन्हा राजा रहता था। वह हमेशा अपनी समझदारी और बुद्धिमानी के लिए प्रसिद्ध था। एक दिन गाँव में एक अजीब समस्या उत्पन्न हुई। गाँव के तालाब में एक विशालकाय मछली आ गई और गाँववालों को डराने लगी। सब लोग बहुत परेशान थे।
नन्हा राजा ने सोचा और एक योजना बनाई। वह मछली के लिए बड़े-बड़े खाने के टुकड़े तालाब में डालने लगा। कुछ ही दिनों में मछली राजा के दोस्त बन गई और उसने गाँववालों को परेशान करना बंद कर दिया। नन्हा राजा की समझदारी ने गाँववालों को खुशी दी और सबने मिलकर राजा की जय-जयकार की।
कहानी 2: चालाक खरगोश और बेवकूफ शेर
एक घने जंगल में एक चालाक खरगोश रहता था। वहीं पर एक बेवकूफ शेर भी रहता था जो जंगल के सभी जानवरों को परेशान करता था। एक दिन खरगोश ने सोचा कि शेर को सबक सिखाना चाहिए।
खरगोश ने शेर से कहा, "जंगल में एक और शेर है जो तुमसे बड़ा और ताकतवर है।" शेर ने गुस्से में आकर पूछा, "वो कहां है?" खरगोश ने उसे एक गहरी कुएं के पास ले जाकर कहा, "वो इसमें रहता है।" शेर ने कुएं में झांका तो उसे अपनी परछाई दिखी। उसने सोचा कि यह दूसरा शेर है और गुस्से में कूद गया। शेर कुएं में गिर गया और कभी बाहर नहीं आ सका।
कहानी 3: मिठाई की दुकान और लालची बंदर
एक छोटे से शहर में एक मिठाई की दुकान थी जिसे रमेश चाचा चलाते थे। एक दिन एक लालची बंदर दुकान में घुस आया और मिठाईयों को खाने लगा। रमेश चाचा ने बंदर को देखा और एक तरकीब सोची।
रमेश चाचा ने एक डिब्बे में मिर्ची वाली मिठाई रख दी। बंदर ने जैसे ही उसे खाया, उसकी आँखों से पानी निकल आया। उसने सोचा, "यह तो बहुत ही बुरी मिठाई है।" उसके बाद वह कभी दुकान में वापस नहीं आया।
कहानी 4: चतुर बकरी और भूखा भेड़िया
एक बार की बात है, एक भूखा भेड़िया एक बकरी को खाने के लिए पीछे पड़ा। बकरी ने समझदारी से काम लिया और एक योजना बनाई। उसने भेड़िया से कहा, "मैं समझती हूं कि तुम मुझे खाना चाहते हो, लेकिन मैं अभी इतनी पतली हूं। कुछ दिनों बाद मैं मोटी हो जाऊंगी तब आना।"
भेड़िया मान गया और कुछ दिनों के बाद वापस आया। इस बार बकरी ने कहा, "अरे भेड़िया भाई, मुझे अभी कुछ और दिनों की जरूरत है।" इस तरह से बकरी ने भेड़िये को बार-बार टाल दिया और अपनी जान बचाई।
कहानी 5: बोलता तोता
एक छोटे से गाँव में एक तोता रहता था जो बहुत ही चालाक और बातूनी था। एक दिन गाँव में एक चोर आया। चोर ने सोचा कि वह तोते को पकड़ कर ले जाएगा। लेकिन जैसे ही चोर ने तोते को पकड़ने की कोशिश की, तोता जोर-जोर से चिल्लाने लगा, "चोर! चोर!"
गाँववालों ने आवाज सुनकर चोर को पकड़ लिया और उसे पुलिस के हवाले कर दिया। तोते की समझदारी और बोलने की कला ने गाँव को बचा लिया।
निष्कर्ष
बच्चों के लिए कहानियाँ केवल मनोरंजन का साधन नहीं हैं बल्कि ये उनके नैतिक और बौद्धिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इन मजेदार कहानियों के माध्यम से बच्चे न केवल हँसते-खिलखिलाते हैं बल्कि उनमें समझदारी, चालाकी, और नैतिकता के गुण भी सीखते हैं।
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