Balakrishna: Sweet 2 Tales of Brindavan | बालकृष्ण: बृंदावन की मीठी लीलाएँ
Balakrishna: Sweet Tales of Brindavan|बालकृष्ण: बृंदावन की मीठी लीलाएँ |
Story 1
बृंदावन की धरती पर हर दिन हर एक पौधा, हर एक फूल और हर एक प्राणी भगवान श्रीकृष्ण की महिमा गाते थे। श्रीकृष्ण के बचपन की कहानी एक ऐसी ही खूबसूरत गाथा है।
बृंदावन के गोपाल बच्चे कृष्ण, अपनी नन्हीं उम्र में ही विशेष थे। उनकी मासूमियत और मीठापन से पूरे गांव को मोह लिया करते थे।
एक दिन, नन्हे कृष्ण को अपने गोपीका साथीयों ने कहा, "कृष्ण, हमारे गाय हमेशा सड़क पर चलती है, हमें उसका ख्याल रखना चाहिए।"
कृष्ण ने बड़े ही मीठे अनुभव से उन्हें समझाया, "चिंता मत करो, मैं उसका ध्यान रखूंगा।"
वह गाय की देखभाल करते हुए खेलने लगे। गाय ने भी उनकी मासूमियत को आकर्षित कर लिया था।
एक दिन, कृष्ण ने अपने मित्रों के साथ गोवर्धन पर्वत के पास खेलने का प्रस्ताव दिया। वे सभी खुश हो गए और गोवर्धन पर्वत की ओर चल दिए।
कृष्ण ने बड़ी धूमधाम से पार्टी का आयोजन किया। वे सभी मित्र गाने और नृत्य करते रहे। गोवर्धन पर्वत की सुंदरता ने उन्हें अद्भुत अनुभव दिया।
इस तरह, बृंदावन में श्रीकृष्ण के नन्हे-नन्हे लीलाएं और उनका बचपन अत्यधिक प्रिय था। उनकी मीठी हंसी, प्यार और नाटकों से भरी जिंदगी उन्हें सबकी यादों में सदा के लिए बसा दिया।
Story 2
एक समय की बात है, भारत के एक गांव में एक छोटे से लड़के का जन्म हुआ। उसके माता-पिता ने उसका नाम 'कृष्ण' रखा। वह बचपन से ही अत्यंत ही सर्वश्रेष्ठ और बुद्धिमान था।
कृष्ण का बचपन अनोखा था। वह बच्चों की तरह नहीं खेलता था, बल्कि उसके साथ खेलने वाले बड़े-बड़े लोग भी होते थे। उसके साथ हर एक का मन खुश हो जाता था।
कृष्ण के अत्यंत प्रिय खेल गोपाल लीला थी। वह और उसके साथी गोपाल गोकुल के बगीचों में छिपकर गायों का दूध चुराते थे। लेकिन इसके बावजूद, उनके मन में हमेशा भगवान श्रीकृष्ण का भजन होता था।
कृष्ण की यह लीलाएँ गोकुल के लोगों को बहुत प्रिय थीं। वे हर दिन कृष्ण की कहानियों सुनने के लिए बहुत उत्सुक रहते थे।
एक दिन, गोकुल में एक भयंकर सांप आया। लोग भयभीत हो गए क्योंकि वह सांप बहुत ही विषैला था। सांप ने गोकुल को प्रदाह करने की धमकी दी।
लोगों ने सोचा, "कृष्ण ही हमें बचा सकते हैं।"
कृष्ण ने सांप को अपनी विशेष शक्तियों से मात दिया और सभी को सुरक्षित रखा।
इस घटना ने लोगों के दिलों में कृष्ण की भक्ति को और भी मजबूती से बढ़ा दिया। वह न केवल एक बच्चे की तरह ही बल्कि एक दिव्य पुरुष के रूप में उनके बीच में आया।
ऐसा ही एक और प्रसिद्ध कथा है, जिसमें कृष्ण ने मथुरा के राजा कंस को मारकर अपनी भक्तों को रक्षा की। इस प्रकार, श्रीकृष्ण ने अपनी लीलाओं और दिव्यता के माध्यम से हमें यह सिखाया कि भगवान हमेशा अपने भक्तों के साथ हैं और हमें सदैव सुरक्षित रखते हैं।
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